PM Vishwakarma Yojna-कारीगरों के लिए सरकारी योजना
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक क्रांतिकारी योजना है जो उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करती है। इस योजना के तहत कारीगरों को 3 लाख रुपए तक का कम ब्याज दर पर लोन, मुफ्त स्किल ट्रेनिंग, टूलकिट सहायता और डिजिटल मार्केटिंग सपोर्ट मिलता है। यदि आप बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, मोची या कोई अन्य पारंपरिक कारीगर हैं तो यह योजना आपकी जिंदगी बदल सकती है।
विषय सूची
- PM विश्वकर्मा योजना क्या है?
- योजना के फायदे और लाभ
- पात्रता और योग्यता
- कवर किए गए व्यवसाय
- लोन की पूरी जानकारी
- आवेदन प्रक्रिया
- जरूरी दस्तावेज
- ट्रेनिंग प्रोग्राम
- सफलता की कहानियां
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
PM विश्वकर्मा योजना क्या है? - जानिए इसकी पूरी जानकारी
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के दिन शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। यह योजना 13,000 करोड़ रुपए के बजट के साथ शुरू की गई है और इसका लक्ष्य 30 लाख कारीगरों को लाभ पहुंचाना है।
इस योजना की खासियत यह है कि यह सिर्फ लोन नहीं देती बल्कि कारीगरों के समग्र विकास पर फोकस करती है। योजना के तहत स्किल डेवलपमेंट, आधुनिक टूल्स, मार्केट लिंकेज, डिजिटल पेमेंट सिस्टम और ब्रांडिंग सपोर्ट भी मिलता है। यह एक होलिस्टिक अप्रोच है जो कारीगरों को 21वीं सदी के बिजनेस एनवायरनमेंट के लिए तैयार करती है।
योजना के फायदे और लाभ - क्या मिलता है कारीगरों को?
PM विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को मिलने वाले मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:
1. वित्तीय सहायता और लोन
योजना के तहत कारीगरों को दो चरणों में लोन मिलता है। पहले चरण में 1 लाख रुपए तक का लोन मिलता है जिसे सफलतापूर्वक चुकाने के बाद दूसरे चरण में 2 लाख रुपए तक का अतिरिक्त लोन मिल सकता है। कुल मिलाकर 3 लाख रुपए तक का लोन बिना किसी गारंटी के मिलता है।
2. कम ब्याज दर
लोन पर केवल 5% की ब्याज दर लगती है जबकि सरकार 8% की सब्सिडी देती है। यह बाजार की तुलना में बहुत कम ब्याज दर है जो कारीगरों के लिए बहुत फायदेमंद है।

a traditional carpenter- PM विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी
3. मुफ्त स्किल ट्रेनिंग
कारीगरों को 5-7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग मुफ्त में दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान प्रतिदिन 500 रुपए का स्टाइपेंड भी मिलता है।
4. टूलकिट सहायता
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद कारीगरों को 15,000 रुपए तक की टूलकिट सहायता मिलती है। यह राशि सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है।
5. डिजिटल पेमेंट इंसेंटिव
डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कारीगरों को प्रति माह 100 ट्रांजैक्शन तक 1 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन का इंसेंटिव मिलता है। यह अधिकतम 100 रुपए प्रति माह हो सकता है।
6. मार्केटिंग सपोर्ट
कारीगरों के प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचने के लिए मार्केटिंग सपोर्ट मिलता है। GeM (Government e-Marketplace) पर प्राथमिकता के आधार पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी है।
लाभ का प्रकार | राशि/सुविधा | अवधि |
---|---|---|
पहला लोन | 1 लाख रुपए | 18 महीने |
दूसरा लोन | 2 लाख रुपए | 30 महीने |
ब्याज दर | 5% (8% सब्सिडी के साथ) | - |
टूलकिट सहायता | 15,000 रुपए | एक बार |
ट्रेनिंग स्टाइपेंड | 500 रुपए प्रतिदिन | ट्रेनिंग अवधि |
पात्रता और योग्यता - कौन ले सकता है फायदा?
PM विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:
मुख्य पात्रता शर्तें
आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। आवेदक को पारंपरिक कारीगरी या शिल्पकारी के काम में लगा होना चाहिए। परिवार में केवल एक व्यक्ति ही इस योजना का लाभ उठा सकता है। आवेदक को पिछले 5 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी समान योजना का लाभ नहीं मिला होना चाहिए।
आय संबंधी शर्तें
आवेदक या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदक के पास आयकर रिटर्न फाइल करने का रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
व्यवसाय संबंधी शर्तें
आवेदक को योजना में शामिल 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में काम करना चाहिए। कम से कम 2 वर्ष का कार्य अनुभव होना आवश्यक है। आवेदक को अपने व्यवसाय का प्रमाण देना होगा।
Eligibility criteria checklist for PM Vishwakarma Yojana in Hindi
कवर किए गए व्यवसाय - कौन से काम शामिल हैं?
PM विश्वकर्मा योजना में निम्नलिखित 18 पारंपरिक व्यवसाय शामिल हैं:
लकड़ी का काम
- बढ़ई (Carpenter): फर्नीचर बनाने वाले, लकड़ी का काम करने वाले
- नाव बनाने वाले (Boat Maker): पारंपरिक नाव निर्माता
धातु का काम
- लोहार (Blacksmith): लोहे का सामान बनाने वाले
- हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले (Hammer and Toolkit Maker): औजार बनाने वाले
- ताला बनाने वाले (Lock Smith): ताले और चाबी का काम करने वाले
सोने-चांदी का काम
- सुनार (Goldsmith): सोने-चांदी के आभूषण बनाने वाले
मिट्टी का काम
- कुम्हार (Potter): मिट्टी के बर्तन और सामान बनाने वाले
- मूर्तिकार (Sculptor): मूर्ति बनाने वाले कलाकार
कपड़े और चमड़े का काम
- दर्जी (Tailor): कपड़े सिलने वाले
- मोची (Cobbler): जूते-चप्पल बनाने और रिपेयर करने वाले
अन्य पारंपरिक व्यवसाय
- मालाकार (Garland Maker): फूलों की माला बनाने वाले
- धोबी (Washerman): कपड़े धोने का काम करने वाले
- नाई (Barber): बाल काटने का काम करने वाले
- मछली का जाल बनाने वाले (Fishing Net Maker): मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले
- टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले (Basket/Mat/Broom Maker): बांस और अन्य प्राकृतिक सामग्री से सामान बनाने वाले
- पत्थर तराशने वाले (Stone Breaker): पत्थर का काम करने वाले
- राजमिस्त्री (Mason): निर्माण कार्य में लगे कारीगर
- डोल और ढोल बनाने वाले (Doll and Drum Maker): पारंपरिक खिलौने और वाद्य यंत्र बनाने वाले
traditional occupations covered under PM Vishwakarma Yojana
लोन की पूरी जानकारी - कितना मिलता है और कैसे?
PM विश्वकर्मा योजना के तहत लोन की व्यवस्था दो चरणों में की गई है जो कारीगरों की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई है।
पहला चरण - प्रारंभिक लोन
पहले चरण में कारीगरों को 1 लाख रुपए तक का लोन मिलता है। यह लोन बिना किसी गारंटी या कोलैटरल के दिया जाता है। लोन की अवधि 18 महीने है और इसे आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है। ब्याज दर केवल 5% है जो बाजार दर से काफी कम है।
दूसरा चरण - एडवांस लोन
पहले लोन को सफलतापूर्वक चुकाने के बाद कारीगर दूसरे चरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। दूसरे चरण में 2 लाख रुपए तक का अतिरिक्त लोन मिलता है। इस लोन की अवधि 30 महीने है और ब्याज दर वही 5% रहती है।
लोन की विशेषताएं
यह लोन पूरी तरह से कोलैटरल फ्री है, यानी किसी भी प्रकार की गारंटी या जमानत की जरूरत नहीं है। लोन प्रोसेसिंग फीस बिल्कुल फ्री है। प्री-पेमेंट पेनल्टी नहीं है, यानी आप चाहें तो लोन को समय से पहले भी चुका सकते हैं। EMI की राशि कारीगर की आय के अनुसार तय की जाती है।
लोन अप्रूवल प्रोसेस
लोन अप्रूवल की प्रोसेस बहुत सरल और तेज है। आवेदन ऑनलाइन या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से किया जा सकता है। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद 7-15 दिन में लोन अप्रूव हो जाता है। लोन की राशि सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है।
आवेदन प्रक्रिया - स्टेप बाई स्टेप गाइड
PM विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करना बहुत आसान है। यहां पूरी प्रक्रिया स्टेप बाई स्टेप बताई गई है:
स्टेप 1: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
सबसे पहले PM विश्वकर्मा की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं। होम पेज पर "How to Register" का ऑप्शन दिखेगा, उस पर क्लिक करें। अपना मोबाइल नंबर और आधार नंबर डालकर OTP वेरिफिकेशन करें।
स्टेप 2: व्यक्तिगत जानकारी भरें
रजिस्ट्रेशन फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरें जैसे नाम, पता, जन्म तिथि, जाति, आय की जानकारी आदि। अपने व्यवसाय की जानकारी भरें और कार्य अनुभव के बारे में बताएं।
स्टेप 3: दस्तावेज अपलोड करें
जरूरी दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें। सभी डॉक्यूमेंट्स का साइज 2MB से कम होना चाहिए और PDF या JPG फॉर्मेट में होना चाहिए।
स्टेप 4: आवेदन सबमिट करें
सभी जानकारी भरने के बाद आवेदन को रिव्यू करें और सबमिट करें। आपको एक एप्लीकेशन नंबर मिलेगा जिसे संभालकर रखें।
स्टेप 5: वेरिफिकेशन प्रोसेस
आवेदन सबमिट करने के बाद संबंधित अधिकारी आपके दस्तावेजों की जांच करेंगे। जरूरत पड़ने पर आपसे संपर्क किया जा सकता है।
स्टेप 6: अप्रूवल और बेनिफिट्स
वेरिफिकेशन के बाद आपका आवेदन अप्रूव हो जाएगा और आप योजना के सभी लाभ उठा सकेंगे।
ऑफलाइन आवेदन प्रोसेस
यदि आप ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते तो नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जा सकते हैं। CSC ऑपरेटर आपकी मदद से आवेदन भर देगा। इसके लिए आपको 50-100 रुपए की फीस देनी पड़ सकती है।
PM Vishwakarma Yojana benefits in Hindi by Techniffer
जरूरी दस्तावेज - क्या चाहिए आवेदन के लिए?
PM विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होती है:
पहचान संबंधी दस्तावेज
- आधार कार्ड: यह सबसे जरूरी दस्तावेज है और इसके बिना आवेदन नहीं हो सकता
- पैन कार्ड: यदि उपलब्ध हो तो (अनिवार्य नहीं)
- वोटर ID कार्ड: पहचान के लिए वैकल्पिक दस्तावेज
निवास संबंधी दस्तावेज
- राशन कार्ड: पता प्रमाण के लिए
- बिजली का बिल: वर्तमान पते का प्रमाण
- बैंक पासबुक: पता वेरिफिकेशन के लिए
व्यवसाय संबंधी दस्तावेज
- कार्य अनुभव प्रमाण पत्र: कम से कम 2 वर्ष का अनुभव दिखाने के लिए
- व्यवसाय का फोटो: काम करते हुए की तस्वीर
- उत्पाद की फोटो: बनाए गए सामान की तस्वीर
आय संबंधी दस्तावेज
- आय प्रमाण पत्र: तहसीलदार या BDO से जारी
- बैंक स्टेटमेंट: पिछले 6 महीने का
- स्व-घोषणा पत्र: आय की जानकारी के लिए
अन्य जरूरी दस्तावेज
- जाति प्रमाण पत्र: यदि SC/ST/OBC से हैं
- बैंक अकाउंट डिटेल्स: पासबुक की फोटोकॉपी
- मोबाइल नंबर: OTP वेरिफिकेशन के लिए
- पासपोर्ट साइज फोटो: हाल की खींची गई
ट्रेनिंग प्रोग्राम - स्किल डेवलपमेंट की पूरी जानकारी
PM विश्वकर्मा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम है जो कारीगरों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ता है।
बेसिक ट्रेनिंग (5-7 दिन)
पहले चरण में कारीगरों को 5-7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। इस ट्रेनिंग में पारंपरिक कौशल को बेहतर बनाने पर फोकस किया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान प्रतिदिन 500 रुपए का स्टाइपेंड मिलता है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है।
एडवांस ट्रेनिंग (15 दिन)
बेसिक ट्रेनिंग के बाद 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग का विकल्प है। इसमें आधुनिक टूल्स और तकनीकों का इस्तेमाल सिखाया जाता है। डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन सेलिंग की जानकारी दी जाती है। क्वालिटी कंट्रोल और प्रोडक्ट स्टैंडर्डाइजेशन के बारे में बताया जाता है।
ट्रेनिंग के फायदे
ट्रेनिंग के दौरान मिलने वाले मुख्य फायदे हैं - नई तकनीकों की जानकारी, आधुनिक टूल्स का इस्तेमाल सीखना, प्रोडक्ट की क्वालिटी बेहतर बनाना, बिजनेस स्किल्स डेवलप करना, और नेटवर्किंग के अवसर मिलना।
ट्रेनिंग सेंटर
ट्रेनिंग देश भर के विभिन्न सेंटरों में दी जाती है। हर जिले में कम से कम एक ट्रेनिंग सेंटर है। ट्रेनिंग सेंटर की जानकारी PM विश्वकर्मा वेबसाइट पर उपलब्ध है। ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया जा सकता है।
सफलता की कहानियां - प्रेरणा के लिए
"मैं एक पारंपरिक बढ़ई था और छोटे-मोटे काम करके गुजारा करता था। PM विश्वकर्मा योजना के तहत मुझे 1 लाख रुपए का लोन मिला और मुफ्त ट्रेनिंग भी मिली। अब मैं आधुनिक फर्नीचर बनाता हूं और ऑनलाइन भी बेचता हूं। मेरी आय तीन गुना बढ़ गई है।" - रामेश्वर प्रसाद, बढ़ई, बिहार
"मैं एक महिला दर्जी हूं और घर से काम करती थी। इस योजना से मुझे नई मशीनें खरीदने के लिए लोन मिला और बुटीक खोलने में मदद मिली। अब मेरे पास 5 महिलाएं काम करती हैं और अच्छी कमाई हो रही है।" - सुनीता देवी, दर्जी, उत्तर प्रदेश
"पारंपरिक कुम्हारी के काम में मुझे ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था। PM विश्वकर्मा योजना के बाद मैंने आधुनिक डिजाइन सीखे और अब मेरे बर्तन शहर के बड़े शोरूम में बिकते हैं। डिजिटल पेमेंट से भी अतिरिक्त इंसेंटिव मिलता है।" - गोपाल कुमार, कुम्हार, राजस्थान
ये सफलता की कहानियां दिखाती हैं कि कैसे PM विश्वकर्मा योजना ने पारंपरिक कारीगरों की जिंदगी बदली है। योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सिर्फ पैसा नहीं देती बल्कि कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1: PM विश्वकर्मा योजना के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
जवाब: 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार जो योजना में शामिल 18 व्यवसायों में से किसी एक में काम करते हैं, वे आवेदन कर सकते हैं।
Q2: योजना के तहत कितना लोन मिल सकता है?
जवाब: पहले चरण में 1 लाख रुपए और दूसरे चरण में 2 लाख रुपए, कुल मिलाकर 3 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है।
Q3: लोन पर कितना ब्याज लगता है?
जवाब: लोन पर केवल 5% वार्षिक ब्याज दर लगती है, जो बाजार दर से काफी कम है।
Q4: क्या लोन के लिए कोई गारंटी चाहिए?
जवाब: नहीं, यह पूरी तरह से कोलैटरल फ्री लोन है। किसी भी प्रकार की गारंटी या जमानत की जरूरत नहीं है।
Q5: ट्रेनिंग के दौरान क्या स्टाइपेंड मिलता है?
जवाब: हां, ट्रेनिंग के दौरान प्रतिदिन 500 रुपए का स्टाइपेंड मिलता है।
Q6: टूलकिट सहायता कितनी मिलती है?
जवाब: ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 15,000 रुपए तक की टूलकिट सहायता मिलती है।
Q7: परिवार में कितने लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
जवाब: एक परिवार में केवल एक व्यक्ति ही इस योजना का लाभ उठा सकता है।
Q8: आवेदन करने के बाद कितने दिन में लोन मिल जाता है?
जवाब: डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद आमतौर पर 7-15 दिन में लोन अप्रूव हो जाता है।
Q9: क्या महिलाएं भी इस योजना का लाभ उठा सकती हैं?
जवाब: हां, बिल्कुल। महिला कारीगर भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं।
Q10: डिजिटल पेमेंट इंसेंटिव कैसे मिलता है?
जवाब: डिजिटल ट्रांजैक्शन करने पर प्रति ट्रांजैक्शन 1 रुपए का इंसेंटिव मिलता है, अधिकतम 100 रुपए प्रति माह।
निष्कर्ष - आपका उज्ज्वल भविष्य इंतजार कर रहा है
PM विश्वकर्मा योजना 2025 भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है बल्कि कारीगरों को आधुनिक युग के लिए तैयार भी करती है। 3 लाख रुपए तक का कम ब्याज दर पर लोन, मुफ्त स्किल ट्रेनिंग, टूलकिट सहायता और मार्केटिंग सपोर्ट के साथ यह योजना कारीगरों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
यदि आप एक पारंपरिक कारीगर हैं और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो आज ही PM विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करें। इस योजना का लाभ उठाकर आप न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकते हैं बल्कि अपने पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर एक सफल उद्यमी भी बन सकते हैं।
याद रखें, सरकार आपके साथ है और आपके हुनर को पहचानती है। PM विश्वकर्मा योजना के माध्यम से आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। नवीनतम अपडेट और आधिकारिक जानकारी के लिए PM विश्वकर्मा की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
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